...

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एक जमाना था............….
एक जमाना था हमने अपनों को गैरों से जाना था
क्या कहते हैं वह हमारे बारे में
अपने आंसुओं को रोक जहन में वह बात उतारा था
पर्वत जैसा बनाया खुद को
तपती आग में जलाया खुद को
जो मुंह पर कहते थे भाई भाई
उनको उनकी औकात दिखलाया हमने
खुद को इतना बदला हमने
कौन क्या सोचता है हमारे बारे में
देख उनका चेहरा बदला देते हैं हम
जो आपके सामने बनते हैं खास
वही पीठ के पीछे होते हैं आस्तीन के सांप
भूल जाएंगे उन्हें हम एक दिन
वह दिन भी जल्द लाएंगे
हम खुद को इतना बेहतर बनाएंगे
वह हमसे मिलने को तरस जाएंगे
यह जमाना भी हम जल्द लाएंगे
यह जमाना भी हम चले जाएंगे
© Ankush ( Sidd AA )