...

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तू रजनी और मैं गुलाब
#अनपढ़पन्ने

कहो रजनी,
कैसी हो,
गुलाब ने मुस्कुराते हुए कहा,
कैसी लग रही हूं,
रजनी ने इतराते हुए पूछा,
मोगरे की खुशबू लपेटे,
इत्र में डूबी,
प्रेम की देवी लग रही हो,
चल झूठे,
रजनी ने उदासी से कहा,
सच्ची गुलाब ने बात काटते हुए कहा,
तू बता,
मैं कैसा हूं,
तू स्थायी है,
हां,
रजनी का स्थायी,
रजनी ने ये कह तो दिया,
पर उसे भी समझ नहीं आया कि उसने...