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#रहने दिया
जो छूटा जहां उसको वही रहने दिया,
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया;
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
बस खुद को तूफानों से मिलने दिया;
जो सोचती हूं अब कभी तो खुद पर
रहम खाती हूं,
क्यों होने दिया वो जिसने मुझे ही खिलने नहीं दिया;
लड़ सकती थी खुद के लिए पर खुद पर वो कर्जा नहीं किया,
जैसा जिसने मुझे दिखाया मैने वैसा ही खुद को दिखने दिया;
हद से ज्यादा अच्छी बन गई तो सबने
मुझ पर ही इल्जाम दिया,
किसी को कुछ नहीं कहा बस बेमतलब की दुनिया से खुद दूर किया;
खुद को बेझिझक बेबाक अकेला किया, कोई बोला तो मसरूफ हुए वरना खुद को बेहिसाब प्यार किया;
लाश बन गई थी तो खुद को होश में ला दिया,
कैद हो चुकी थी अपनी अहमियत के लिए अब खुद को आबाद किया;
अंधेरा रहा जिंदगी में उसमे समा जला दिया,
जो मेरा नहीं था उसके पीछे जाना छोड़ दिया ;
बदला खुद को इस कदर जैसे बेमौसम बारिश ला दिया,
अब सोच में पड़ जायेंगे सब हैं कुछ ऐसा रूप ले लिया ;
खुद को दुनिया से आइना दिखा दिया,
यारा मैने खुद को अपना लिया;
जो छूटा जहां उसको वही रहने दिया,
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया ।
© varsha's ink
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