...

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मेरी चाह ही मेरी मंजिल
लिखती रहूंगी तब तक जब तक
ये सांसे चलती रहेगी और दिल मजबूर
करता रहेगा।

मुस्कुराती रहूंगी तब तक जब तक
वजह मिलती रहेगी ।

चलती रहूंगी तब तक जब तक
सारे रास्ते बन्द नहीं हो जाते।

बोलती रहूंगी तब तक जब तक
किसी के कानों में आवाज़ नहीं पहुंचेगी।

सोती रहूंगी...