जंजीरे
कैसी जंजीरे है ये,
फूलों सी कोमल,
ना आजाद करती,
ना आबाद करती,
आसू निकलते नही,
और हसी आती नही,
दिमाग लगना नही चाहता,
और दिल है की समझता नही,
मासूम हूं मैं, आजाद करदो ना मुझे ।
© Aman Jain
फूलों सी कोमल,
ना आजाद करती,
ना आबाद करती,
आसू निकलते नही,
और हसी आती नही,
दिमाग लगना नही चाहता,
और दिल है की समझता नही,
मासूम हूं मैं, आजाद करदो ना मुझे ।
© Aman Jain
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