मन गीत मिलन के गाए रे...
सावन की बूँदें रूम- झूम घन उमड़ –घुमड़ गरजाए रे
ऐसे में सजन तुम आ जाओ, मन गीत मिलन के गाए रे ।
पहला सावन प्यार का साजन, जी काहे घबराए
बिजुरी चमके डर मोहे लागे, धड़क- धड़क दिल जाये
मर जाउंगी तुम बिन साजन जो तुम अब ना आये रे
मन गीत मिलन के गाए रे ।
पहले प्रीत का पहला सावन, मीठा –मीठा...