...

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होली की मतवाली टोली
नेहा का मुंह पुता लाल से,
प्रियंका का पीले गुलाल से।
कुर्ता भीगा कविता का,
उमा के थे रंगे बाल।
सबने मिलकर लिपि को पकड़ा,
नीला रंग गालों पर चुपड़ा।
फूल गए दोनों गाल,
मुट्ठी में रह गया लाल गुलाल।
नीता बैंगनी रंग ले आई,
मुक्ति हरा रंग उड़ाती आई,
रंगीन कर दिया लीना को,
पकड़ी गई वो इस साल।
श्रेया के हाथों में पिचकारी,
आकांक्षा और गुब्बारों की मारामारी
रंग बिरंगे सभी का यही हाल,
हाथों में लाल गुलाल।
इंद्रधनुष धरती पर उतरा,
रंगा SP6 का कतरा कतरा।
नाचे गाए सब मस्ती में,
बड़ा मज़ा आया अबकी बार।