मैं ख़ुद से आश लिए बड़ा हूं।
अडिग पर्वत के चोटी सा लक्ष्य लिए बड़ा हूं
सफर में संकल्पित मन और निष्ठा लिए बड़ा हूं
बीते वक्त में टूटे...
सफर में संकल्पित मन और निष्ठा लिए बड़ा हूं
बीते वक्त में टूटे...