कैसा शोर है
चुभती नही है ये खामोशी किसी को
संवेदना नहीं किसी में बाकी बची
एक व्यक्ति शोर मचाए बैठा...
संवेदना नहीं किसी में बाकी बची
एक व्यक्ति शोर मचाए बैठा...