कुव्वत
तुम..... कुव्वत हो.... इस गाफिल मन की...
तुम कुव्वत हो इस गाफिल मन की
लाजिमी है,..........
इसलिए जीए जा रहा हूँ
निशि फिर...
तुम कुव्वत हो इस गाफिल मन की
लाजिमी है,..........
इसलिए जीए जा रहा हूँ
निशि फिर...