हम उसके साए से भी दूर रहेंगे
बहते हुए आसूं भी मेरे
उस पत्थर दिल को पिघला ना सके
जिसने दिल से ही निकाल दिया
उसकी आंखों में इज्जत हम पा न सके
हाथ उठाया...
उस पत्थर दिल को पिघला ना सके
जिसने दिल से ही निकाल दिया
उसकी आंखों में इज्जत हम पा न सके
हाथ उठाया...