धुंधली राहें
चलता है वो अंधेरी गलियों में,
जहां सन्नाटा कहानियां बुनता है।
हर कदम पर छिपी है चुभन,
जैसे ज़िंदगी सवाल करती है।
आंखों में सपनों का शोर था कभी,
अब वहां सन्नाटे का बसेरा है।
दिल के कोने में कहीं,
अधूरी ख्वाहिशों का डेरा है।
वक्त जैसे थम गया हो,
पर घड़ी चलती है...
जहां सन्नाटा कहानियां बुनता है।
हर कदम पर छिपी है चुभन,
जैसे ज़िंदगी सवाल करती है।
आंखों में सपनों का शोर था कभी,
अब वहां सन्नाटे का बसेरा है।
दिल के कोने में कहीं,
अधूरी ख्वाहिशों का डेरा है।
वक्त जैसे थम गया हो,
पर घड़ी चलती है...