#बापू
'पिता' एक शब्द नहीं, आत्मीय अनुभूति है,
सिर्फ एक पद नहीं, महान विभूति है;
क्या ही लिखूं उनके बारे,जिन्होंने ख़ुद मुझे लिखा है,
अपनी मुसीबतों को भूल, उन्होंने मुझे संवारा है,
साहस ही संघर्ष से उभारे, मैने बापू से सीखा है,
सब सुविधाओं को भूल, उनका साथ मुझे गंवारा...
सिर्फ एक पद नहीं, महान विभूति है;
क्या ही लिखूं उनके बारे,जिन्होंने ख़ुद मुझे लिखा है,
अपनी मुसीबतों को भूल, उन्होंने मुझे संवारा है,
साहस ही संघर्ष से उभारे, मैने बापू से सीखा है,
सब सुविधाओं को भूल, उनका साथ मुझे गंवारा...