मिजाज शराब जैसा है ❤️
खुले आसमान में वो आफताब जैसा है
गरम है मिजाज मगर वो शराब जैसा है
ढलती उम्र में भी महकाता मेरी रातों को
उसके ख्याल का जलवा गुलाब जैसा है
मचलती ख्वाहिशें शांत अगर साथ है...
गरम है मिजाज मगर वो शराब जैसा है
ढलती उम्र में भी महकाता मेरी रातों को
उसके ख्याल का जलवा गुलाब जैसा है
मचलती ख्वाहिशें शांत अगर साथ है...