...

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मेरे प्रभूजी,मैं आपकी।
प्रणाम प्रभूजी🙏,
साँसे...., आपने दी, नाम जप के लिये,
अनगिनत विचारों में...
फ़िजूल के विचारों को ऊर्जा देकर पालने से..इन्हें कोई काम न हों..।

दिमाग़..., अपने पास रखने,और
दिल/मन...., अपने इष्ट, अभीष्ट को देने के लिए दिया..प्रभूजी,
के अपने पास दिल दुःखता हैं, प्रभूजी।

भावों को..., आपने, आपको समर्पित करने हेतु
दिया...
के हर कोई मोल.., कहाँ जान पाता हैं..निश्छल भावों का..प्रभूजी,

इन्द्रियाँ...,आपने वश में रखने के लिए दी, प्रभूजी,
सही/आपके आँचल में ...समर्पण से...
बड़ा वशिकरण कहाँ, प्रभूजी,

अंतरआत्मा..., आपके अनुसरण हेतु...