...

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बेजान मोड़
आज जिंदगी ने फिर से बेजान मोड़ पर खड़ा कर दिया ..
मेरा, मेरी दोस्ती से हम- साया उठा दिया..
मोहब्बत ने dagebaaj, कसूरवार बना दिया..
ना जाने इन खूबसूरत रिश्तों को (किस शाम का) , किसका मोहताज बना दिया..
और हमें सबके लिए खारा समंदर बना दिया..
वक्त ने ऐसा पलटवार मारा..
की दुनिया ने अपनी हर दहलीज का मोहताज बना दिया..
इन आँखों में आँसुओं का सैलाब दिया..
तो जमाने भर की खुशियों से राबता छूट गया..
और फ़िर न जाने क्यों सबकुछ छीन सा गया..
एक परीक्षा में नाकामयाब क्या हुआ..
दुनिया ने हर मोड़ पर खुद को दिखाया है..
हमेशा खुद को हर मोड़ पर तन्हा पाया..
आज वो मोड़ हमेशा के लिए तन्हा हो गया..
पता ही नहीं चलता कि इस जिंदगी ने क्या सिला दिया..
पता ही नहीं उस खुदा ने क्या सोचकर पैदा किया..
जब से पैदा किया तब से इसी उधेड़ बुन का शिकार बना दिया..
हर मोड़ पर खुद को खुद में तन्हा कर लिया..
ख़ुद के वजूद का पायदान हमेशा डग मगाते पाया..
ना जाने क्यों, हमेशा इस दुनिया में खुद को नेसत् नाबूद पाया..
और मजेदार बात ये है की हमेशा इस दुनिया के सामने खुद को ग़लत पाया..
by क्षमा सैनी 👑😎
© @kshamasaini