ऐ कविता...
ऐ कविता! वो समझते भी हैं, तेरे दिल के ज़ज्बात,
या लिख देते हैं वो यूँ ही बहुत ख़ूब और लाजवाब।।
कभी रोती तू ज़ार-ज़ार, कभी हँसती है बार-बार,
वो सुनते भी हैं सवाल, या दे देते यूँ ही बस जवाब।।
दिल के...
या लिख देते हैं वो यूँ ही बहुत ख़ूब और लाजवाब।।
कभी रोती तू ज़ार-ज़ार, कभी हँसती है बार-बार,
वो सुनते भी हैं सवाल, या दे देते यूँ ही बस जवाब।।
दिल के...