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ek ladki 😻😻
तारों जैसे टिमटिमाते चेहरे को देखा था ,
हां मैंने बालकनी से उसको देखा था ।।
मुस्कुराते हुए उसके होंठो में लाली गुलाबी थी ,
बाल खुले और आंखे काली थी ।।
जब चलती थी वो तो कहर बरसाती थी ,
वो कोई लड़की नहीं हुस्न कि मलिका थी ।।
© world's write
हां मैंने बालकनी से उसको देखा था ।।
मुस्कुराते हुए उसके होंठो में लाली गुलाबी थी ,
बाल खुले और आंखे काली थी ।।
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वो कोई लड़की नहीं हुस्न कि मलिका थी ।।
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