...

2 views

कभी तेरी यादों से उबरू तो खुद को जानूं मैं
कभी तेरी यादों से उबरू
तो खुद को जानूं मैं
क्या हूं नहीं हूं
इतना तो पहचानूं मैं

इधर-उधर में खो रहा हूं
मंजिल को तो जानूं मैं
तकदीर में क्या है पता नहीं
तू कुछ बोलो तो तेरी मन को जानूं मैं

कितना तुझमें डूब गया हूं
आ पास तुम्हें बताऊं मैं
अवसाद धेर लेती है तेरी यादों की
धड़कन कि गुत्थी कैसे सुलझाऊं मैं

तन्हा उदास अकेला बैठा हूं
दिल को कितना जलाऊं मैं
निपट गया हूं तेरी बाहों के धेरे में
कैसे दुनिया खुद को दिखाऊंं मैं

चलते जा रहा हूं
किस दिशा को अपनाऊं मैं ...