...

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रोटी

© All तवा गरम हुआ,
तवे को चिकनाहट का क्या कहना,
तवा पर पकने का सफर खुदा हुआ,
कपड़े से मोड़ें रोटी पकड़े इधर उधर,
फूली रोटी आए और दिल संग फूल जाए।
रोटी की धड़कन से, जीभ अल्फाज पकड़ती है,
आदि रोटी बचाते है, कुछ आदि बटोरे जी,
आदि रोटी से इश्क, लगता है बेहतरीन,
राजमा जैसे रसीला हो संग चावल दावत के हाल,
चावल और राजमा संग रजाई लेते हुए दावत कहलाए
भिंडी में नींबू हलाल कर,
अजवाइन के संग पकोड़े जरा तल दे,
जीरा चावल कुकर संग बेहाल कर,
मिट्टी संग चांद की झुरियां,
रहने दे कच्ची मजबूरियां,
आदि रोटी के शकल,
ऐसी गोरी, चेहरा गिरा दे,
आदि रोटी इश्क जैसी,
हाथ में इश्क भर दे। Reserved