आजादी
लो हम आजाद हो गए हैं,
नहीं है कोई बेड़ियाँ
नहीं है कोई बंधन,
हम कर पा रहे हैं अपने मन की मर्ज़ी,
ना देना है किसी को उत्तर, ना ही कोई अर्जी,
देश को आगे बढ़ाना है,
ये सोचकर पढ़ रहे हैं,
किताबों को समझकर,...
नहीं है कोई बेड़ियाँ
नहीं है कोई बंधन,
हम कर पा रहे हैं अपने मन की मर्ज़ी,
ना देना है किसी को उत्तर, ना ही कोई अर्जी,
देश को आगे बढ़ाना है,
ये सोचकर पढ़ रहे हैं,
किताबों को समझकर,...