...

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मै तुम से - हम तक ✍🏻✍🏻✍🏻
तू हवा में शीतलता के जैसे मौजूद है मुझमे
या यूँ कहले तुझसे अलग मेरा वजूद है तुझमे
प्रेम की गणना या अवधारणा करना दुस्कर है
प्रेम जीवन को सार्थक करता मील का पत्थर है
तुम्हारा साथ होना ईश्वरीय संगत का साक्ष्य है
तुम मेरे ह्रदय पर खींची लकीर हो जो अकाट्य है
सांसारिक दुःख एवं सुख तुम संग आधा हो जाता है
प्रेम पूरा हो तो...