कागज की नाव
अब कोई बड़ी कश्ती नही चल कागज की नाव बनाते हैं, चलते हैं सब साथ साथ अपनो से हाथ मिलाते हैं।
कौन अपने हैं कौन पराये का भेद मिटाकर,अब सबको हाथ बढाते हैं,अब कोई बड़ी कश्ती नही चल कागज की नाव बनाते हैं।
चलते हैं सब साथ साथ अपनो से हाथ मिलाते हैं।
चलेंगे सब कहीं मीलो दूर और राह की सही दिशा बताते हैं,जब है हम्ममे पक्के इरादे तो...
कौन अपने हैं कौन पराये का भेद मिटाकर,अब सबको हाथ बढाते हैं,अब कोई बड़ी कश्ती नही चल कागज की नाव बनाते हैं।
चलते हैं सब साथ साथ अपनो से हाथ मिलाते हैं।
चलेंगे सब कहीं मीलो दूर और राह की सही दिशा बताते हैं,जब है हम्ममे पक्के इरादे तो...