...

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ख्वाबों के घर…❤️
मैने कहा एक दिन उसे
ये ख्वाबों के घर हवा मे ढेह सकते हैं,
क्या हकीकत में हम तेरे दिल में रह सकते हैं,
उसने कहा दिल में जगह ज्यादा नही है
लेकिन ना करने का भी कोई इरादा नहीं हैं
हम तो बस आपको इतना ही कह सकते है
मेंने कहां:---
क्या हकीकत में हम तेरे दिल में रह सकते हैं !!

यूं तो शायर लिख इश्क पर हम कोई किताब देते हैं
सच ये भी है इश्क को पूरा कर सिर्फ ख्वाब देते हैं
हम रात की तरह नींद न आने का गम सह सकते है
क्या हकीकत में हम तेरे दिल मे रह सकते हैं !!

इश्क जितना सर को झुकाता रहा है
हुसन उतना ही ज्यादा इतराता रहा है
किसी मोड़ पर मेरी बातों मे गर असर न रहे
क्या तारीफ मेरी तुम बिना वजह कर सकते हैं
क्या हकीकत में हम तेरे दिल मे रह सकते हैं!!

उसने मुस्करा कर बात को अधर में छोड़ दिया
खुद तो आगे बड़ गए मुझे सफर में छोड़ दिया
उसने कहा इश्क एक दरिया है मेरा डूब जाओगे
मैने कहा जब तक सांस चले मेरी बह सकते हैं
क्या हकीकत में हम तेरे दिल मे रह सकते हैं!!
~P.s