दो धार की
दो धार की
दुआप हो तुम
खिली खिली
गुलाब हो तुम
शब्द जुवान की
मिठास हो तुम
प्रेम में
पुर्ण विश्वास हो तुम
लहराती अलसी
कलसी कास हो तुम
दिल की आभा
धड़कन की विश्वास हो तुम
दिशा ए गुंजायमान
जिज्ञासा की तलाश हो...
दुआप हो तुम
खिली खिली
गुलाब हो तुम
शब्द जुवान की
मिठास हो तुम
प्रेम में
पुर्ण विश्वास हो तुम
लहराती अलसी
कलसी कास हो तुम
दिल की आभा
धड़कन की विश्वास हो तुम
दिशा ए गुंजायमान
जिज्ञासा की तलाश हो...