घाम - घर
दूर दरीचे
बीच बग़ीचे
हम बनउबै एक घाम - घर
पार समंदर
बीच दिसंबर
हम बनउबै एक घाम - घर
हमरे बदन न लागै धूप
न लागै भर मुट्ठी बतास
जाने कैसा है ई अन्धकूप
हमरे मर गए पौधे पचास
घाम - घर में होई सब इंतजाम
तुम बस सुनत जाओ सबहूँ के नाम
धूप बतास के खातिर बड़ी खिड़की
सेवा...
बीच बग़ीचे
हम बनउबै एक घाम - घर
पार समंदर
बीच दिसंबर
हम बनउबै एक घाम - घर
हमरे बदन न लागै धूप
न लागै भर मुट्ठी बतास
जाने कैसा है ई अन्धकूप
हमरे मर गए पौधे पचास
घाम - घर में होई सब इंतजाम
तुम बस सुनत जाओ सबहूँ के नाम
धूप बतास के खातिर बड़ी खिड़की
सेवा...