मुक्तक : आपके ही लिए
हर किसी से लड़ा आपके ही लिए।
मैं अलग चल पड़ा आपके ही लिए।।
मुझको दुनिया ने लिखने से रोका बहुत।
मुझको लिखना पड़ा आपके ही लिए।।
जो भी अबतक लिखा आपके ही लिए।
मेरी हर इक दिशा आपके ही लिए।।
मैं तो बस प्रेम का इक उपन्यास हूं।
प्रेम की हर कथा आपके ही लिए।।
एक बादल हुआ आपके ही लिए।
थोड़ा पागल ...
मैं अलग चल पड़ा आपके ही लिए।।
मुझको दुनिया ने लिखने से रोका बहुत।
मुझको लिखना पड़ा आपके ही लिए।।
जो भी अबतक लिखा आपके ही लिए।
मेरी हर इक दिशा आपके ही लिए।।
मैं तो बस प्रेम का इक उपन्यास हूं।
प्रेम की हर कथा आपके ही लिए।।
एक बादल हुआ आपके ही लिए।
थोड़ा पागल ...