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SHAYARI (⌒o⌒)
“आखें खोलू तो… “चेहरा” तुम्हारा हो,

बंद करू तो… “सपना” तुम्हारा हो,

मर भी जाऊ… तो “कोई” गम नहीं,

बस “कफ़न” के बदले, “आँचल” तुम्हारा हो”


© neeraj grover