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सुकून के लिए हुकुम दो
माना कि तुम झूठ हो
भ्रम हो
और
बुरा सपना हो
मगर
मेरे पास क्यों हो
चले जाते तो दिल को
सुकून मिलता
तैयार हूं
मानने को
जो हुकुम मिलता !
यादों के शहद में
तुमने नमक मिलाया
बेहद
शहद रहा नहीं
नमक केवल भी नहीं
यह भ्रम है विचित्र
रिश्तों का ये कौन सा है डिश?
विभूति
© All Rights Reserved
भ्रम हो
और
बुरा सपना हो
मगर
मेरे पास क्यों हो
चले जाते तो दिल को
सुकून मिलता
तैयार हूं
मानने को
जो हुकुम मिलता !
यादों के शहद में
तुमने नमक मिलाया
बेहद
शहद रहा नहीं
नमक केवल भी नहीं
यह भ्रम है विचित्र
रिश्तों का ये कौन सा है डिश?
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