बदलती दुनियाँ
इस दुनियाँ मे इंसान के कितने चेहरे है।
कौन असली है कौन नकली है।
क्या पता?
क्योंकि यहां तो इसके भी इतने पहरे है।
क्या सच है क्या झूठ है। कोई नही जानता
क्योंकि इसमे भी लोगो के क्या कहने है।
कब किससे रिश्ता जुड़ जाये।
कब किससे रिश्ता टूट जाये।
क्या पता?
कौन एक पल में अपना हो जाये।
कौन अपना होकर भी पराया हो...
कौन असली है कौन नकली है।
क्या पता?
क्योंकि यहां तो इसके भी इतने पहरे है।
क्या सच है क्या झूठ है। कोई नही जानता
क्योंकि इसमे भी लोगो के क्या कहने है।
कब किससे रिश्ता जुड़ जाये।
कब किससे रिश्ता टूट जाये।
क्या पता?
कौन एक पल में अपना हो जाये।
कौन अपना होकर भी पराया हो...