...

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ग़ज़ल...
प्यार बहुत करते हैं, पर तुम से कह नहीं सकते
हालत तो देखो मेरी, कि चुप भी रह नहीं सकते

तड़पाती है हर पल, तेरी यादें हमको आजकल
जरा सी भी दूरी तुमसे, अब हम सह नहीं सकते

दिल ही दिल में, जला रही है तेरी ये जुदाई हमें
ये मेरे ग़म हैं कि, आंसू बन कर बह नहीं सकते

कैसे भुला दूं तुझको, तू तो बसी है मेरी रूह में
तिरे ख्यालों के महल, यूँ ही तो ढ़ह नहीं सकते

मेरा दिल कोई मंदिर, जिसमें रहती है एक देवी
'नीर' इस दिल से कभी, निकल वह नहीं सकते।

© @nirmohi_neer