mohobat
खुशबू वो मुहब्बत की उड़ाने में लगे हैं
सांसों में मेरी महक बनके समाने में लगे हैं।
इलज़ाम नए रोज़ लगाने में लगे हैं
आवाज़ मेरी क्यूं वो दबाने में लगे हैं
कहते हैं यही रोज़ हमें वक्त तो दे दो
वो रोज़ बहाने से बुलाने में लगे हैं।
दिल हसरतों से अपना गिराने में लगे हैं
सागर भरा जो इश्क का सुखाने में लगे हैं।
अब रहमतों के रस्ते खुले रहते हैं उसके
वो हर किसी का दर्द मिटाने में लगे हैं।
चेहरों पे हवाई जो...
सांसों में मेरी महक बनके समाने में लगे हैं।
इलज़ाम नए रोज़ लगाने में लगे हैं
आवाज़ मेरी क्यूं वो दबाने में लगे हैं
कहते हैं यही रोज़ हमें वक्त तो दे दो
वो रोज़ बहाने से बुलाने में लगे हैं।
दिल हसरतों से अपना गिराने में लगे हैं
सागर भरा जो इश्क का सुखाने में लगे हैं।
अब रहमतों के रस्ते खुले रहते हैं उसके
वो हर किसी का दर्द मिटाने में लगे हैं।
चेहरों पे हवाई जो...