तुम जब मिले थे
तुम जब मिलें थे
गुल सब खिले थे
मायूस चेहरा तेरा दिखा
नज़रें झुकी थी
पलकों पे नमी थी
पर आंखों में मेरी अश्क दिखा
दर्द वो तेरे थे
फिर क्यों मुझको एहसास हुए
सोचा जब समझा बैठकें तन्हा
चला पता तुम मेरे ख़ास हुए
जब भी उनका ख्याल आया
दिल में फूल खिले थे
जन्नती इशरत मालूम हुई थी
तुम जब मिले थे
रोज़ उन राहों में
तेरा था इंतजार
रोज़ ख्वाबों में
तुझपे था...
गुल सब खिले थे
मायूस चेहरा तेरा दिखा
नज़रें झुकी थी
पलकों पे नमी थी
पर आंखों में मेरी अश्क दिखा
दर्द वो तेरे थे
फिर क्यों मुझको एहसास हुए
सोचा जब समझा बैठकें तन्हा
चला पता तुम मेरे ख़ास हुए
जब भी उनका ख्याल आया
दिल में फूल खिले थे
जन्नती इशरत मालूम हुई थी
तुम जब मिले थे
रोज़ उन राहों में
तेरा था इंतजार
रोज़ ख्वाबों में
तुझपे था...