कहां खो गया सच्चा सनातन धर्म??
मैं सनातनी हूं...
कैसे निपटना है सभी से बोहोत अच्छे से जानता हूं,
कान्हा को सखा अपना व श्रीराम को स्रोत अपनी
प्रेरणा का मानता हूं।
समय आ गया है वो...
जब इस पूजनीय धर्म को मेरी ज़रूरत है,
सोचता हूं कहां गया हर सनातनी खो...
क्यूं बना बैठा बो पत्थर की इक मूरत है।
सुबह शाम बस सच्चे सनातनी को ही खोजता हूं,
मन में श्रीराम का नाम लेकर...
बस सदैव उन्हीं के बारे में सोचता हूं।
जागो सनातनियों...
तुम कब्तक सहोगे,
श्रीराम के विनम्र स्वभाव की आड़ लेकर...
तुम कब तक यूं सर झुकाओगे।
अरे कान खोलकर सुनलो...
कैसे निपटना है सभी से बोहोत अच्छे से जानता हूं,
कान्हा को सखा अपना व श्रीराम को स्रोत अपनी
प्रेरणा का मानता हूं।
समय आ गया है वो...
जब इस पूजनीय धर्म को मेरी ज़रूरत है,
सोचता हूं कहां गया हर सनातनी खो...
क्यूं बना बैठा बो पत्थर की इक मूरत है।
सुबह शाम बस सच्चे सनातनी को ही खोजता हूं,
मन में श्रीराम का नाम लेकर...
बस सदैव उन्हीं के बारे में सोचता हूं।
जागो सनातनियों...
तुम कब्तक सहोगे,
श्रीराम के विनम्र स्वभाव की आड़ लेकर...
तुम कब तक यूं सर झुकाओगे।
अरे कान खोलकर सुनलो...