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Soldier Saurabh Sharma - Respect Girls
चाहे तुम हिंदू हो या मुसलिम, सिख हो या ईसाई,
अगर एक लड़की पैदा हुई तेरे घर तो खुशियों की बौछार आइ ।
इतनी समझ नहीं हम में की हम तुम्हें ऑक सके,
तुम उलझी ज़रूर हो पर किसी में इतना दम नहीं की कोई तुम्हें बाँट सके,
तुम्हारी पहली साँस से तुम्हारे आखरी दम तक
तुम्हारी खामोशी से तुम्हारे हर ग़म तक,
तुम्हें ओर तुम्हारे जस्बे को सलाम करता हूँ।
इस दुनिया की गंदी सोच से कैसे लड़ जाती हो,
तुम भी तो इंसान हो,फिर क्यूँ तुम्हीं सबका भला चाहती हो,
कुछ तुम्हें पैदा होते मार देते,कुछ जीते जागते,
RESPECT GIRLS,RESPECT WOMEN
ये टैग पड़ने के बाद भी इन दरिंदों के हाथ क्यूँ नहीं काँपते ।
लोग क्या कहेंगे,लोग क्या सोचेंगे
उनके कुछ भी करने से पहले ये टैग उन्हें क्यूँ याद दिलाया जाता है,
छोटे कपड़े मत पहनो,रात भर बाहर मत निकलो ये सब बोलके उनपे क्यूँ हक जताया जाता है।
मै तुम मर्दों से ये नही कहूंगा की एक लड़की को इज्ज़त दो क्यूंकि वो तोह तुमसे होगा नहीं,
अगर कुछ करना चाहते हो तो एक लडकी को उसकी म्जी से जीने दो उसको उसकी सोच से खुद उभरने दो,
बिना किसी लांछन के बिना किसी रोक टोक के बस उसे यू ही रहने दो ।
अगर एक लड़की पैदा हुई तेरे घर तो खुशियों की बौछार आइ ।
इतनी समझ नहीं हम में की हम तुम्हें ऑक सके,
तुम उलझी ज़रूर हो पर किसी में इतना दम नहीं की कोई तुम्हें बाँट सके,
तुम्हारी पहली साँस से तुम्हारे आखरी दम तक
तुम्हारी खामोशी से तुम्हारे हर ग़म तक,
तुम्हें ओर तुम्हारे जस्बे को सलाम करता हूँ।
इस दुनिया की गंदी सोच से कैसे लड़ जाती हो,
तुम भी तो इंसान हो,फिर क्यूँ तुम्हीं सबका भला चाहती हो,
कुछ तुम्हें पैदा होते मार देते,कुछ जीते जागते,
RESPECT GIRLS,RESPECT WOMEN
ये टैग पड़ने के बाद भी इन दरिंदों के हाथ क्यूँ नहीं काँपते ।
लोग क्या कहेंगे,लोग क्या सोचेंगे
उनके कुछ भी करने से पहले ये टैग उन्हें क्यूँ याद दिलाया जाता है,
छोटे कपड़े मत पहनो,रात भर बाहर मत निकलो ये सब बोलके उनपे क्यूँ हक जताया जाता है।
मै तुम मर्दों से ये नही कहूंगा की एक लड़की को इज्ज़त दो क्यूंकि वो तोह तुमसे होगा नहीं,
अगर कुछ करना चाहते हो तो एक लडकी को उसकी म्जी से जीने दो उसको उसकी सोच से खुद उभरने दो,
बिना किसी लांछन के बिना किसी रोक टोक के बस उसे यू ही रहने दो ।
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