जब मैंने उस कछुए से पूछा...
जब मैंने खरगोश और कछुआ की उस पुरानी कहानी के बीच में जाकर...
धीरे - धीरे,अपनी मंज़िल की ओर आगे बढ़ रही..
उस कछुए से पूछा.....
तुम इतना धीरे चल रही हो......
तुम हार क्यों नहीं मान जाती??...
तुम इतने धीरे रफ़्तार वाली....
भला कहां से? और कैसे?उन तेज रफ़्तार वालो से जीत पाओगी??...
धीरे - धीरे,अपनी मंज़िल की ओर आगे बढ़ रही..
उस कछुए से पूछा.....
तुम इतना धीरे चल रही हो......
तुम हार क्यों नहीं मान जाती??...
तुम इतने धीरे रफ़्तार वाली....
भला कहां से? और कैसे?उन तेज रफ़्तार वालो से जीत पाओगी??...