कुछ दिन का है बसेरा मेरा
तुम्हारी छाया में पली - बड़ी , हाथ पकड़कर चली हूं मैं
तुम्हारी ममता की छाया में , आज तक बड़ी हुई हूं मैं !
हमारे प्यार का रिश्ता हमें , जीवन भर यूं ही निभाना है !
कुछ दिन का बसेरा मेरा , फिर छोड़ मुझे पिया घर जाना है !
जीवन के हर सुख - दुख में , पिया का साथ निभाना है !
कुछ दिन का है बसेरा मेरा, फिर छोड़ मुझे पिया घर जाना है !
बाबुल से बिछड़ने का गम मुझे , मुस्कुरा के छुपाना है
आंखों की नमी को भी , खुश होकर छुपाना है
कुछ दिन का बसेरा मेरा , फिर छोड़ मुझे पिया घर जाना है !
मन को अब मेरे , मुझे ऐसे ही बहलाना है !
...
तुम्हारी ममता की छाया में , आज तक बड़ी हुई हूं मैं !
हमारे प्यार का रिश्ता हमें , जीवन भर यूं ही निभाना है !
कुछ दिन का बसेरा मेरा , फिर छोड़ मुझे पिया घर जाना है !
जीवन के हर सुख - दुख में , पिया का साथ निभाना है !
कुछ दिन का है बसेरा मेरा, फिर छोड़ मुझे पिया घर जाना है !
बाबुल से बिछड़ने का गम मुझे , मुस्कुरा के छुपाना है
आंखों की नमी को भी , खुश होकर छुपाना है
कुछ दिन का बसेरा मेरा , फिर छोड़ मुझे पिया घर जाना है !
मन को अब मेरे , मुझे ऐसे ही बहलाना है !
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