...

3 views

कुछ दिन का है बसेरा मेरा
तुम्हारी छाया में पली - बड़ी , हाथ पकड़कर चली हूं मैं

तुम्हारी ममता की छाया में , आज तक बड़ी हुई हूं मैं !

हमारे प्यार का रिश्ता हमें , जीवन भर यूं ही निभाना है !

कुछ दिन का बसेरा मेरा , फिर छोड़ मुझे पिया घर जाना है !

जीवन के हर सुख - दुख में , पिया का साथ निभाना है !

कुछ दिन का है बसेरा मेरा, फिर छोड़ मुझे पिया घर जाना है !

बाबुल से बिछड़ने का गम मुझे , मुस्कुरा के छुपाना है

आंखों की नमी को भी , खुश होकर छुपाना है

कुछ दिन का बसेरा मेरा , फिर छोड़ मुझे पिया घर जाना है !

मन को अब मेरे , मुझे ऐसे ही बहलाना है !

कुछ दिन का है बसेरा मेरा , फिर छोड़ मुझे पिया घर जाना है !

सात जन्मों के बंधन को मुझे , जिम्मेदारियों के साथ निभाना है!

माता- पिता के आशीर्वाद के साथ मुझे, नया संसार बसाना है !

कुछ दिन का है बसेरा मेरा , फिर छोड़ मुझे पिया घर जाना है !

मायके की मर्यादा निभाई , अब ससुराल का मान - सम्मान बढ़ाना है

कुछ दिन का है बसेरा मेरा , फिर छोड़ मुझे पिया घर जाना है !

बेटियां बोझ नहीं होती , यह दुनिया को बताना है !

बेटियां तो पापा की परियां होती है , यह बात सब को समझाना है !

कुछ दिन का है बसेरा मेरा , फिर छोड़ मुझे पिया घर जाना है !

बेटी को विदा कर रीत तुम्हें , बाबुल अपनी निभाना है !

कुछ दिन का है बसेरा मेरा , फिर छोड़ मुझे पिया घर जाना है !

बिछड़ने की इस वीरह को लफ्जों में कैसे बताऊं मैं ,

मैं कोई पराई नहीं , बस आपकी परछाई हूं मैं !

© Rachna pagare