...

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THE JOURNEY
एक दूसरे से
लड़ते-झगड़ते,
उल्टी सीधी बातें करते
देखो ना हम कहां आ गए,
वो 6 क्लास से शुरू हुआ सफर
देखो ना अब यहां आ गए।
वो तुमको बक - बक करते देखकर
जो तुम पर दिल आया था,
ना जाने क्या एहसास था वो,
जो मुझे,तेरे इतना करीब लाया था ।
रोज तेरे लिए माथा टेकना
वो तेरी गेम की क्लास में
खिड़की से तुझे सरेखना,
तेरी दांत दिखाकर हंसने वाली स्माइल के लिए
तुझको टुकुर टुकुर हमेशा देखना,
पर जब कभी नज़रे
मिलती थीं मेरी,तेरी नजरों से
तो पल भर में ही तुझसे छुपना,
तब तुझे खोने के डर ने
हमें तुझसे कुछ बोलने से,
कई बार चुप कराया था
पर फिर भी,
ना जाने क्या एहसास था वो
जो मुझे,तेरे इतना करीब लाया था ।
हर रोज ये सोचना
क्या वो मेरे पास आएगी
मेरे गले से लग कर
वो सिर्फ मेरी है ,
क्या,इसका एहसास कभी दिलाएगी,
पर जब सपने हक़ीक़त में बदले,
मैं तो बोल नहीं पाया
पर जब तेरे होंठ
मेरे से तेरे दिल की बात
बोलने के लिए संभले,
उस पल मैं थोड़ा सा ही सही
पर घबराया था,
कुछ इस तरह कहानी शुरू हुई...