...

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क्या है ये जिंदगी ,,,,?
क्या है ये जिंदगी ,,,,?

है सुबह की पहली किरण,
जगमगाती शाम है जिंदगी,

और ये पेचीदा कहीं पर है कहीं,
कहीं सीधी सरल आसां है जिंदगी,

न रुकें और न ही थकें सफर में हम,
बस चलते ही रहने का नाम है जिंदगी,

भाई का साथ और बहन का स्नेह भी,
पिता का प्यार मां का दुलार है जिंदगी,

रुक जाते हैं मुसाफिर कई मुश्किलें देखके,
जीत मुश्किलों से, जो पाएं मुकां है जिंदगी,

मित्र कृष्ण रामा से, हनुमत सुदामा से,
है जहां मित्र निश्चल, मित्रता है जिंदगी,

जो समझे जिंदगी को, वो सिकंदर बने हैं,
ना समझों को लगती ये ना काम है जिंदगी,

दुनियां में निकल देखो, इसके के रंग हजारों हैं,
तुम बेवजह कहते हो यार की बदनाम है जिंदगी,

देखो जहां में यूं जीना भी एक काम है जिंदगी,,,,,
इतनी भी मुश्किल नहीं आसान है जिंदगी,,,,,,,


© #mr_unique😔😔😔👎