बीती बातों की यादें
// #बीती_बातोंकी_यादें //
बीती बातों की यादे तेरे स्वप्न रात सिराहाने आएंगी,
भोर फटते ही इस बढ़ दृख्त की छांव में सुस्ताएंगी;
तने से टेक लगा तेरे अंतर्मन की हर व्यथा सुनाएंगी,
डाल कपोल नयनों से पत्तियां झड़ कर गिर जाएंगी।
छोटे -छोटे दीपक तुम चितवन अजिर चेताए रखना,
सांझ ढले हाथ सेंकने कैई मुसाफ़िर आएंगे तू देखना;
कालचक्र के...
बीती बातों की यादे तेरे स्वप्न रात सिराहाने आएंगी,
भोर फटते ही इस बढ़ दृख्त की छांव में सुस्ताएंगी;
तने से टेक लगा तेरे अंतर्मन की हर व्यथा सुनाएंगी,
डाल कपोल नयनों से पत्तियां झड़ कर गिर जाएंगी।
छोटे -छोटे दीपक तुम चितवन अजिर चेताए रखना,
सांझ ढले हाथ सेंकने कैई मुसाफ़िर आएंगे तू देखना;
कालचक्र के...