...

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चल पड़े साथ तू
चल पड़े साथ तू तो क्या बात हो,
सूखी सी मन की जमीन पर,
हल्की सी बरसात हो।
मिल जाए अपना स कोई,
हो पूरा सपना सा कोई,
सालों से दबे हैं जो भीतर कहीं,
तेरे दिल में भी वही जज्बात हों।
चल पड़े साथ तू तो क्या बात हो।
ना हिरे, ना जवाहरात किमती,
मन मेरा बस चाहे तुझे,
रुत मिलन की आए ना आए,
एक बार ही सही,
होंठों पर तेरे बस मेरी बात हो।
चल पड़े साथ तू तो क्या बात हो।
रास्ते जिंदगी के बस चलूं तेरे संग,
हर गम और खुशी जियू तेरे संग,
हमेशा हाथ में तेरे ही मेरा हाथ हो।
चल पड़े साथ तू तो क्या बात हो।
© Jyoti