22 views
छूकर ही यार मर जाऊं!
इतने तूफ़ान हैं बिखर जाऊं।
तुमको पाने से पहले डर जाऊं।
पर तुम्हें एक बार छूना है,
चाहे छूकर ही यार मर जाऊं।।
ज़िंदगी को अधूरी छोड़ा तो
मौत से ठोकरें ही पाऊँगा।
ना तुम्हें भूलना ही मुमकिन है
ना तुम्हें भूलना ही चाहूँगा।।
© Kautilya Pandit
तुमको पाने से पहले डर जाऊं।
पर तुम्हें एक बार छूना है,
चाहे छूकर ही यार मर जाऊं।।
ज़िंदगी को अधूरी छोड़ा तो
मौत से ठोकरें ही पाऊँगा।
ना तुम्हें भूलना ही मुमकिन है
ना तुम्हें भूलना ही चाहूँगा।।
© Kautilya Pandit
Related Stories
51 Likes
9
Comments
51 Likes
9
Comments