...

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मुलाकात
बचपन की मोहब्बत को भुलाया नहीं जाता,
सीने में दबा कर उनकी याद रखा नहीं जाता।।

जिंदगी बहुत आगे बढ़ चुकी है मग़र फिर भी,
दिल आज भी उसकी एक मुलाकात को तरसता है।।

निगाहें हर पल उस बिछड़ें यार को तलाशता है।
किरण "दिल अपने पहले प्यार को पुकारता है।।

कद्र नहीं थी उसे मेरी, आंखें आज भी मेरी उस,
बेवफा महबूब के लिए हर पल रात दिन रोत है।।

दुआओं में वो अपने ईश्वर से बस इक मुलाकात मांगता है।
उसकी चाहत के सिवाय कुछ और नहीं चाहता है।।
किरण