जय सूर्य देव
© Nand Gopal Agnihoti
#ता 15/1/2025
#जयसूर्यदेव
# स्वरचित - नन्द गोपाल अग्निहोत्री
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इस गोल घूमती पृथ्वी पर, कहीं होता दिन तो रात कहीं।
कोई शुभ प्रभात कहता है तो, कोई कहता है शुभ रात्रि।।
श्री सूर्यदेव अविराम अटल, दर्शन देते बारी-बारी।
अर्थात न दिन न रात,एक भाग सदा जगमग है मही।।
एक भ्रम में ही हम जीते हैं,इस जीवन का भी...