।।गुरु की महत्वता।।
गुरु ही आरंभ है,
गुरु ही अंत है,
एक वही तो है जीवन का आधार,
और वही है जीवन का सार,
गुरु ही गूंजता हुआ मधुर गीत है,
गुरु ही तो हमारी प्रीत है,
ढूंढ रहा था कि मेरे भी कोई गुरु हो,
पर आप तो खुद चल के हमको प्रेम देने आ गए,
गुरु ही है जो सब कुछ है,
बाकी सब तो यहाँ पे अधूरा ही है,
पता नहीं आपने केसे अपनाया मुझे,
मुझमे तो कुछ...
गुरु ही अंत है,
एक वही तो है जीवन का आधार,
और वही है जीवन का सार,
गुरु ही गूंजता हुआ मधुर गीत है,
गुरु ही तो हमारी प्रीत है,
ढूंढ रहा था कि मेरे भी कोई गुरु हो,
पर आप तो खुद चल के हमको प्रेम देने आ गए,
गुरु ही है जो सब कुछ है,
बाकी सब तो यहाँ पे अधूरा ही है,
पता नहीं आपने केसे अपनाया मुझे,
मुझमे तो कुछ...