...

3 views

एक शिक्षक की विनती
बहुत दूर साथ दूंगी मेरे साथ चलो
भरोसा मुझ पर रख़ मेरे साथ चलो,
उलझनों मे घिरे है हर शख्स यहां
हो विश्वास तो मेरे साथ चलो।

अंधेरे को चीर रौशनी के राह में चलो
वक्त का तकाजा है वक्त के साथ चलो,
पथरीले राहों में भी कदम न रुक जाएं
निशान पैरों के रेत पर भी बनाए चलो।

एक साथी हूं तुम्हारे हाथ बढ़ाकर तो देखो
मेरी कहानी के किरदार मुझे लिखने तो दो,
सफर में तुम अकेले नहीं,मैं हूं हर पल साथ
मेरे कदम से कदम मिलाकर तो देखो।

बड़ी देर न हो जाए फैसला करना होगा
बने सूरज धरती का मन में ठानना होगा,
मुझे अपना सहारा समझो या समझो दीपक
राह तुम्हें दिखाऊंगी पर भरोसा करना होगा।
रीता।