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“बड़ा अच्छा लगा है, विरानों में"
बड़ा अच्छा लगा है,
विरानो में,,
नही तो, दम घुटता था,
दीवारों में,,
ये खामखा मुझ पर,
शक कैसा,,
कहीं गिनते, तो नही,
मुझे दीवानों में,,
ये जाम, हाथों में,
रखते है, बस यूं ही,,
या समझो, लगे हुए है,
किसी को, भुलाने में,,
हमशे पूछो पेट,
भरते है कैसे,,
सारी उम्र, बीत जाती है,
गम कमाने में.... ✍️
© #Kapilsaini
विरानो में,,
नही तो, दम घुटता था,
दीवारों में,,
ये खामखा मुझ पर,
शक कैसा,,
कहीं गिनते, तो नही,
मुझे दीवानों में,,
ये जाम, हाथों में,
रखते है, बस यूं ही,,
या समझो, लगे हुए है,
किसी को, भुलाने में,,
हमशे पूछो पेट,
भरते है कैसे,,
सारी उम्र, बीत जाती है,
गम कमाने में.... ✍️
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