...

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बाकी है,,,
दर्द भरी की इक गजल लिखी है,,
अभी इसमे आह भरना बाकी है,,

अभी तितली से रंग उधार लेने हैं,,
अश्को का आब बनके बरसना बाकी है,,

दरख्तो से उतारने है पिले पते,,
बाद-ए-सबा का यहाँ से गुजरना बाकी है,,

सबर...