बचपन की यादें
ला सको तो मेरे बचपन का ज़माना लेते आना
वो हंसी बेफ़िक्र, वो मस्ती भरा मौसम सुहाना
दोस्तों के साथ दिन भर खेलना लड़ना झगड़ना
एक पल में रूठ जाना दूसरे पल ख़ुद मनाना
फिर से वो नटखट शरारत फिर वही बिंदास बहसें
फिर से ख़ुद आफ़त में पड़ना और रोना...
वो हंसी बेफ़िक्र, वो मस्ती भरा मौसम सुहाना
दोस्तों के साथ दिन भर खेलना लड़ना झगड़ना
एक पल में रूठ जाना दूसरे पल ख़ुद मनाना
फिर से वो नटखट शरारत फिर वही बिंदास बहसें
फिर से ख़ुद आफ़त में पड़ना और रोना...