ख्वाहिश
तू किसी दरगाह का मन्नत सा लगा ,
टूटे तारों से मांगी ख्वाहिश सा लगा,
देखूं टकटकी सा तुझे,
जैसे चांद देखूं मैं आसमा में...
खुलती तू किसी...
टूटे तारों से मांगी ख्वाहिश सा लगा,
देखूं टकटकी सा तुझे,
जैसे चांद देखूं मैं आसमा में...
खुलती तू किसी...